ब्रिटिश नीति का भारत पर प्रभाव का समीक्षात्मक अध्ययन
अंग्रेजी शासन के दौरान भारत एक उपनिवेश बन गया। यह ब्रिटेन में तैयार माल के लिए एक बड़ी मंडी थी, अनाज और कच्चे माल का बड़ा श्रोता था और ब्रिटिश पूँजी लगाने का एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र था। शाही हितों की रक्षा के लिए खेती पर अधिक कर लगाया जाता था। देश की अधिकतर परिवहन व्यवस्था, वर्तमान खाने और उद्योग, विदेशी व्यापार तटीय और अन्तर्राष्ट्रीय जहाजरानी और बैंक व इन्श्योरेन्स कम्पनियाँ सभी विदेशी अधिकार में थी। सर्वोपरी भारत की आर्थिक और सामाजिक उन्नति पूर्णतया अंग्रेजों के अधीन थी। इसके फलस्वरूप भारत दिन-प्रतिदिन निर्धन होने लगा तथा भारतीयों के उद्योग धंधे नष्ट होने लगे। इस प्रकार अंग्रेजों ने भारतीयों के व्यापार पर अपना नियंत्रण स्थापित कर भारतीयों का आर्थिक शोषण किया। मानव सभ्यता की प्रगति के साथ-साथ उनके आर्थिक विचारों का भी विकास हुआ। ब्रितानियों ने भारत में लूट-मार करके धन प्राप्त किया तथा उसे इंग्लैण्ड भेज दिया। ब्रितानियों ने भारत से कच्चा माल इंग्लैण्ड भेजा तथा वहाँ से मशीनों द्वारा माल तैयार होकर भारत आने लगा।
"ब्रिटिश नीति का भारत पर प्रभाव का समीक्षात्मक अध्ययन", IJSDR - International Journal of Scientific Development and Research (www.IJSDR.org), ISSN:2455-2631, Vol.9, Issue 6, page no.1146 - 1149, June-2024, Available :https://ijsdr.org/papers/IJSDR2406132.pdf
Volume 9
Issue 6,
June-2024
Pages : 1146 - 1149
Paper Reg. ID: IJSDR_211895
Published Paper Id: IJSDR2406132
Downloads: 000347145
Research Area: Arts
Country: BEAWAR, RAJASTHAN, India
ISSN: 2455-2631 | IMPACT FACTOR: 9.15 Calculated By Google Scholar | ESTD YEAR: 2016
An International Scholarly Open Access Journal, Peer-Reviewed, Refereed Journal Impact Factor 9.15 Calculate by Google Scholar and Semantic Scholar | AI-Powered Research Tool, Multidisciplinary, Monthly, Multilanguage Journal Indexing in All Major Database & Metadata, Citation Generator
Publisher: IJSDR(IJ Publication) Janvi Wave