रजोनिवृत्त काल की स्थिति के दौरान महिलाओं के चिंता एवं अवसाद स्तर पर चयनित प्राणायामों के प्रभाव का समीक्षात्मक
नीता दियोलिया
, डॉ. भानु प्रकाश जोशी
रजोनिवृत्त, चिंता, अवसाद, चयनित प्राणायाम
सारांश : रजोनिवृत्त महिलाओं के जीवन का ऐसा पड़ाव है जो उनके जीवन के सभी पहुलओं को प्रभावित करता है । रजोनिवृत्त स्थिति महिलाओं के जीवन की निरंतरता का एक केंद्र बिंदु है जो प्रजनन के वर्षों की अंतिम स्थिति को इंगित करता है व जिसमें रज स्राव स्थाई रूप से रुक जाता है । इसका मुख्य कारण डिंब ग्रंथि पुटिका की गतिविधि का ह्रास होना है । अधिकांश महिलाओं में रजोनिवृत्त काल 40 से 58 वर्ष के मध्य होता है । महिलाओं की सामाजिक आर्थिक स्थिति भी रजोनिवृत्त की आयु को प्रभावित करती है । इस दौरान महिलाओं में कई शारीरिक व मानसिक लक्षण प्रकट होते हैं जैसे अत्यधिक गर्मी लगना (हॉट फ्लैश), योनि का शुष्क होना, मासिक चक्र एवं नींद की अनियमितता, मनोदशा में परिवर्तन व भूलना, तनाव, चिंता, अवसाद, थकान, चिड़चिड़ापन आदि मनोवैज्ञानिक लक्षण प्रकट होते हैं । प्रस्तुत अध्ययन का उद्देश्य रजोनिवृत्त महिलाओं के चिंता व अवसाद स्तर पर चयनित प्राणायाम के प्रभाव का समीक्षात्मक अध्ययन करना है । जिसमें पूर्व में हुए प्राणायामों का प्रभाव रजोनिवृत्त लक्षणों, चिंता एवं अवसाद पर देखा गया एवं ऑनलाइन माध्यम से पूर्व में हुए शोध अध्ययन प्राप्त किए गए हैं । योग में कई क्रियाओं का समावेश है जैसे आसन, प्राणायाम, ध्यान आदि क्रियाएं जो समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं । हठयोग ग्रंथो में वर्णित प्राणायाम अर्थात श्वास-प्रश्वास की क्रियाओं का अभ्यास आरोग्यता एवं चित्त की स्थिरता के लिए बताया गया है । प्राणायाम के उपचारात्मक पक्ष का भी वर्णन योग ग्रंथो में मिलता है । चयनित प्राणायामों के अभ्यास में नाड़ी शोधन एवं भ्रामरी प्राणायाम के अभ्यास का अध्ययन शामिल है । ऐच्छिक श्वसन क्रिया स्वायत्त तंत्रिका तंत्र को प्रभवित करती है जिससे परानुकम्पी तंत्रिका तंत्र सक्रीय होता है । पूर्व में हुए शोध अध्ययन दर्शाते है कि रजोनिवृत्त काल के दौरान महिलाओं को शारीरिक व मानसिक रूप से स्थिर होने की आवश्यकता होती है अतः नाड़ी शोधन एवं भ्रामरी प्राणायाम का नियमित अभ्यास रजोनिवृत्त महिलाओं के मनोवैज्ञानिक लक्षणों में चिंता व तनाव के स्तर को कम करने में सहायक हो सकता है तथा महिलाओं में इस दौरान होने वाले चिंता एवं अवसाद के प्रबंधन हेतु ये अभ्यास उपचारात्मक रूप में प्रभावशाली हो सकते हैं ।
"रजोनिवृत्त काल की स्थिति के दौरान महिलाओं के चिंता एवं अवसाद स्तर पर चयनित प्राणायामों के प्रभाव का समीक्षात्मक ", IJSDR - International Journal of Scientific Development and Research (www.IJSDR.org), ISSN:2455-2631, Vol.8, Issue 8, page no.801 - 806, August-2023, Available :https://ijsdr.org/papers/IJSDR2308118.pdf
Volume 8
Issue 8,
August-2023
Pages : 801 - 806
Paper Reg. ID: IJSDR_208298
Published Paper Id: IJSDR2308118
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Research Area: Health Science
Country: Nainital, Uttarakhand, India
ISSN: 2455-2631 | IMPACT FACTOR: 9.15 Calculated By Google Scholar | ESTD YEAR: 2016
An International Scholarly Open Access Journal, Peer-Reviewed, Refereed Journal Impact Factor 9.15 Calculate by Google Scholar and Semantic Scholar | AI-Powered Research Tool, Multidisciplinary, Monthly, Multilanguage Journal Indexing in All Major Database & Metadata, Citation Generator
Publisher: IJSDR(IJ Publication) Janvi Wave