पर्वतीय क्षेत्र की ग्रामीण गर्भवती महिलाओं की दृष्टि में परिवार में महिलाओं की स्थिति का अध्ययन - नैनीताल जिले के
शब्द संकेत:- महिला, सामाजिक, पर्वतीय, ग्रामीण, स्थिति, परिवार।
सारांश - नारी हमेशा से ही सामाजिक रचना और व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। किसी भी क्षेत्र की प्रगति में पुरूषों के साथ-साथ महिलाओं की भूमिका अहम् रहती है। इसीलिए पर्वतीय क्षेत्रों में भी महिलाओं के विकास के बिना परिवार, क्षेत्र की उन्नति सम्भव नहीं है। उत्तराखण्ड में रोजगार के सीमित संसाधन होने के कारण पर्वतीय क्षेत्र के पुरूष वर्ग धनोपार्जन के लिए अपने क्षेत्र और परिवार को छोड़कर बाहरी क्षेत्रों मे जाने के लिए विवश है। इस स्थिति मे महिलाओं को दोहरी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। ऐसी स्थिति में पर्वतीय क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पूर्ण रूप से महिलाओं पर ही निर्भर हो जाती है। उसे प्रातः काल से संध्या समय तक अनेकों कार्य करने होते हैं। उत्तराखण्ड की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृृतिक एवं पर्यावरणीय विशिष्टताओं के फलस्वरूप यहाँ के लोगों की जीवन शैली अन्य राज्यों से भिन्न है। प्रस्तुत शोध में पर्वतीय क्षेत्र की ग्रामीण गर्भवती महिलाओं की दृष्टि में परिवार में महिलाओं की स्थिति का अध्ययन किया गया है। इस प्रकार कुल 200 ग्रामीण गर्भवती महिलाओं का चयन किया गया। इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्र की ग्रामीण गर्भवती महिलाओं की दृष्टि में परिवार में महिलाओं की स्थिति का अध्ययन करना है। अध्ययन में देखा गया कि 91.5 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की दृष्टि में परिवार में स्त्रियों की स्थिति पुरुषों के समान थी, 8 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की दृष्टि में परिवार में स्त्रियों की स्थिति पुरुषों से निम्न थी। आज के आधुनिक युग में भी कुछ महिलाओं की स्थिति पुरुषों से निम्न है। 37 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की दृष्टि में स्त्रियों को पारिवारिक आर्थिक मामलों में निर्णय लेने का अधिकार नहीं था, वह स्वयं के लिए भी निर्णय नहीं ले सकती थी। निर्णय लेने की प्रकिया में महिलाओं की भागीदारी जरूरी है, क्योंकि महिलायें अपने जीवन में कई पात्रों की भूमिका निभाती है। शोध में 45 प्रतिशत महिलायें परिवार के बाद भोजन ग्रहण करती थीं।
"पर्वतीय क्षेत्र की ग्रामीण गर्भवती महिलाओं की दृष्टि में परिवार में महिलाओं की स्थिति का अध्ययन - नैनीताल जिले के ", IJSDR - International Journal of Scientific Development and Research (www.IJSDR.org), ISSN:2455-2631, Vol.8, Issue 8, page no.751 - 756, August-2023, Available :https://ijsdr.org/papers/IJSDR2308111.pdf
Volume 8
Issue 8,
August-2023
Pages : 751 - 756
Paper Reg. ID: IJSDR_208285
Published Paper Id: IJSDR2308111
Downloads: 000347417
Research Area: Arts
Country: Haldwani, Uttarakhand, India
DOI: https://doi.org/10.5281/zenodo.8373965
ISSN: 2455-2631 | IMPACT FACTOR: 9.15 Calculated By Google Scholar | ESTD YEAR: 2016
An International Scholarly Open Access Journal, Peer-Reviewed, Refereed Journal Impact Factor 9.15 Calculate by Google Scholar and Semantic Scholar | AI-Powered Research Tool, Multidisciplinary, Monthly, Multilanguage Journal Indexing in All Major Database & Metadata, Citation Generator
Publisher: IJSDR(IJ Publication) Janvi Wave