Paper Title

चरखी दादरी की चित्रकला एक विश्लेषण

Authors

Sarita

Keywords

चित्रकला, भीतीचित्र, चित्रण, मेघ-मल्हार, दिव्य-घोषणा

Abstract

चरखी दादरी एक प्रसिद्ध इतिहास और संस्कृति से भरपूर शहर है जो हरियाणा राज्य में स्थित है। चरखी दादरी की चित्रकला एक समृद्ध ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से जुड़ी हुई है जो स्थानीय संस्कृति और विरासत का विस्तार करती है। चरखी दादरी के स्थानीय लोगों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। चरखी दादरी की चित्रकला का इतिहास काफी पुराना है। चरखी दादरी की चित्रकला के बारे में कहा जाता है की यह भारतीय चित्रकला का एक अद्वितीय शैली है जो दुनिया भर में अपने पहचान बनायीं हुई है। चरखी दादरी में चित्रकला के कई रूप उभर कर सामने आए। पहले शिलाओ और गुफाओं पर चित्रांकन हुआ, फिर पाण्डु लिपियों, भोजपत्रों, लकड़ी की जिल्द, कागज़ के पृष्ठों आदि पर चित्र बनने लगे। प्रशंसकों, अभिभावकों, उत्सावर्धकों आदि के प्रोत्साहन के कारण चित्रों के रंगों के साथ साथ स्वर्ण भी लगाया जाने लगा। यहाँ पर अनेक चित्र शैलीया विकसित हुई । जिन में चित्रित चित्रों को विश्व के चित्रकला के इतिहास में उच्च स्थान मिला हुआ है। कुछ चित्र तो ऐसे होते हैं कि यदि समुचित रूप तथा विभिन्न दृष्टिकोणों से समझने - समझाने हेतु उनका अध्ययन और व्याख्या की जाए तो कई हजार शब्द अभी कम पड़ते दिखाई देते हैं। सत्रहवीं शताब्दी में बादशाह औरंगजेब की धर्मअंधनता के कारण भारतवर्ष के केंद्रीय दिल्ली दरबार से चित्रकला लगभग निष्कासित सी हो गई थी। उनसे पहले बादशाह जैसे अकबर जहाँगिर तथा शाहजहाँ के शासन काल में दूर दूर से निपुण चित्रकार अपने परिवार सहित दिल्ली मे आकर बस गए थे। औरंगजेब के सीमित दृष्टिकोण के कारण हताश होकर दिल्ली छोड़कर संरक्षण की तलाश में देश के विभिन्न भागों में चले गए। 18वी शताब्दी में यह क्षेत्र दादरी तथा बाद में नए राज्य विकसित हुए जिनमे थे झज्जर, जींद, पटियाला, नाभा आदि सतलुज के इस पार और उस पार आपके कला पारखियों ने चित्रकार को आकर्षित किया। 18वीं सदी में दादरी में चित्रकला चरमोत्कर्ष पर पहुँच चुकी थी। किशनगढ़ की हवेलियों के भीतर चित्र विषय तथा शैली की विविधता के कारण अजूबा सा लगता है। यह राजस्थानी कला का नमूना है।

How To Cite

"चरखी दादरी की चित्रकला एक विश्लेषण", IJSDR - International Journal of Scientific Development and Research (www.IJSDR.org), ISSN:2455-2631, Vol.8, Issue 5, page no.1901 - 1903, May-2023, Available :https://ijsdr.org/papers/IJSDR2305302.pdf

Issue

Volume 8 Issue 5, May-2023

Pages : 1901 - 1903

Other Publication Details

Paper Reg. ID: IJSDR_206119

Published Paper Id: IJSDR2305302

Downloads: 000347330

Research Area: Arts

Country: Gurugram , Haryana , India

Published Paper PDF: https://ijsdr.org/papers/IJSDR2305302

Published Paper URL: https://ijsdr.org/viewpaperforall?paper=IJSDR2305302

About Publisher

ISSN: 2455-2631 | IMPACT FACTOR: 9.15 Calculated By Google Scholar | ESTD YEAR: 2016

An International Scholarly Open Access Journal, Peer-Reviewed, Refereed Journal Impact Factor 9.15 Calculate by Google Scholar and Semantic Scholar | AI-Powered Research Tool, Multidisciplinary, Monthly, Multilanguage Journal Indexing in All Major Database & Metadata, Citation Generator

Publisher: IJSDR(IJ Publication) Janvi Wave

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