आचार्य चाणक्य की शिक्षा नीति का राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में एक अध्ययन।
Anil Kumar
, Dr. Rewat Singh
भारत की सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक पृष्ठभूमी की ही भाँति शिक्षा प्रणाली का इतिहास भी प्राचीन है। यह सर्वमान्य है कि भारतवर्ष मंे लिपि से पूर्व साहित्य बन चुका था। गुरु-शिष्य परम्परा से पीढ़ी-दर-पीढ़ी मौखिक रूप से इसकी रक्षा होती रही इसी कारण वेदों को श्रुति साहित्य कहा जाता है। इस काल क्रम में ही एक महान गुरु शिष्य परम्परा का निर्माण हुआ और विधाध्ययन हेतु गुरुकूलों की स्थापना और राज्य द्वारा उनके सरंक्षण की परम्परा का उद्भव हुआ।प्राचीन भारतीय इतिहास में अनेक ऐसे महापुरूष हुये है जिन्होंने भारतीय शिक्षा पद्धति को अपने विचारों, कार्यो एवं प्रयासों से नई दिशा प्रदान की आचार्य चाणक्य भी उन महापुरूषों अथवा महान शिक्षाविद्ों में से एक है। जिन्होनंे अपनी कृतियोंएवं रचनाओं के माध्यम से भारतीय शिक्षा दर्शन और शिक्षा पद्धतिपर गहरा प्रभाव छोङा तथा वर्तमान समय में भी अपनी प्रासंगिकता को बनाये हुए है। क्योंकि वर्तमान भारतीय समाज में आधुनिकता, अर्थ की प्रधानता, एकांकी प्रवृति, स्वार्थपरता, एवं सत्ता की लालसा की प्रवृत्ति के कारण मानवीय मूल्य, सदाचार, धार्मिक सहिष्णुता जैसे जीवन मूल्य एवं आदर्श कही खो गये है तथा राजनीतिक द्वैष एवं पतन के कारण राष्ट्र प्रेम जैसी भावनाएँविलुप्त सी हो गई है।भारतीय समाज में पुनः सनातन संस्कृति के मूल्यों को प्रतिष्ठित करने तथा सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक दृष्टि से समृद्ध एवं शक्तिशाली राष्ट्र के निर्माण हेतु आवश्यक है कि युवा वर्ग गिरते राजनीतिक स्तर के दायरे से बाहर निकलकर राष्ट्र निर्माण की भावनाओं से ओत-प्रोत होकर सुयोग्य नागरिक कें रूप में तैयार हो, इसके लिए शिक्षा से बढकर अन्य कोई साधन नहीं है। इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 में पुनः भारतीय सनातन संस्कृति के मूल्यों तथा राष्ट्रीय गौरव को प्रतिष्ठित करने का प्रयास किया गया है ये वे जीवन मूल्य और तत्व है जिनका उल्लेख आज से हजारो वर्ष पूर्व आचार्य चाणक्य ने किया था।अतः प्रस्तुत शोध पत्र में आचार्य चाणक्य का शिक्षा दर्शन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 का अध्ययन प्रस्तुत किया गया है।
"आचार्य चाणक्य की शिक्षा नीति का राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में एक अध्ययन।", IJSDR - International Journal of Scientific Development and Research (www.IJSDR.org), ISSN:2455-2631, Vol.9, Issue 3, page no.56 - 59, March-2024, Available :https://ijsdr.org/papers/IJSDR2403007.pdf
Volume 9
Issue 3,
March-2024
Pages : 56 - 59
Paper Reg. ID: IJSDR_210265
Published Paper Id: IJSDR2403007
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Research Area: Social Science and Humanities
Country: Jhunjhunu, Rajasthan, India
ISSN: 2455-2631 | IMPACT FACTOR: 9.15 Calculated By Google Scholar | ESTD YEAR: 2016
An International Scholarly Open Access Journal, Peer-Reviewed, Refereed Journal Impact Factor 9.15 Calculate by Google Scholar and Semantic Scholar | AI-Powered Research Tool, Multidisciplinary, Monthly, Multilanguage Journal Indexing in All Major Database & Metadata, Citation Generator
Publisher: IJSDR(IJ Publication) Janvi Wave