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INTERNATIONAL JOURNAL OF SCIENTIFIC DEVELOPMENT AND RESEARCH International Peer Reviewed & Refereed Journals, Open Access Journal ISSN Approved Journal No: 2455-2631 | Impact factor: 8.15 | ESTD Year: 2016
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मुजफ्फरपुर जिला में वर्तमान समय में समावेशी शिक्षा का रूप:एक विश्लेष्ण (An analysis of the present form of inclusive education in Muzaffarpur district)
Authors Name:
ABHILASHA KUMARI
, Dr PRAMOD KUMAR
Unique Id:
IJSDR2212187
Published In:
Volume 7 Issue 12, December-2022
Abstract:
मुजफ्फरपुर जिला में वर्तमान समय में समावेशी शिक्षा का रूप:एक विश्लेष्ण सार:- वर्तमान समय में सामान्य शिक्षा के साथ-साथ समावेशी शिक्षा पर विशेष रूप से जोर दिया जा रहा है| समावेशी शिक्षा जगत की आधुनिक मांग है जिसके आधार पर चलकर एक विशेष शिक्षा व्यवस्था का निर्माण किया गया है| इसके अंतर्गत दिव्यागों,मंद बुद्धि,मेधावी छात्रों,अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को एक साथ बैठकर एक ही स्थान में शिक्षा दिलाने की व्यवस्था करने की योजना का निर्माण किया गया जिसे समावेशी शिक्षा के नाम से जाना जाता है| समावेशी शिक्षा दिव्यागों का मनोबल बढ़ाने का भी कार्य करती है| समावेशी शिक्षा का परिभाषा-UNESCO के अनुसार- व्यापक रूप में समावेशन को एक ऐसे सुधार के रूप में लिया जाता है जिसमें सीखने वालों की भिन्नता का आदर किया जाता है| समावेशी शिक्षा में छात्रों की व्यक्तिक भिन्नता का ध्यान रखा जाता है| सभी को एक समान मानकर इसमें छात्रों को शिक्षा प्रदान की जाती है| शिक्षा के समान अवसर के गुण के सभी सिद्धान्तों का पालन समावेशी शिक्षा में किया जाता है| समावेशी शिक्षा हेतु विशिष्ट प्रशिक्षित शिक्षकों की आवश्यकता होती है जिससे वे छात्रों के मध्य समन्वय स्थापित कर सकें| शिक्षण की इस नवीन प्रणाली से समाज के वे बच्चे लाभान्वित होते है जिन्हें अपनी दिनचर्या से लेकर पढाई पूरी करने तक विशेष देखभाल की आवश्यकता पड़ती है| स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी बिहार में विकलांग बच्चे विकास की मुख्यधारा से अलग-अलग दिखाई पड़ते है|सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर अनेक विकास के लिए किए वाले अनेकानेक प्रयत्नों के बावजूद विशेष आवश्यकता वाले बच्चो की स्थिति में कोई विशेष सुधार नही आया है| विशेष आवश्यकता वाले बच्चो की अधिकांश आबादी आज भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ नही पाई है| विकास के एक मुख्य मापदंड के रूप में शिक्षा के महत्त्व को देखते हुए यह आवश्यक है कि विकलांग बच्चो की शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए चूँकि बिहार के मुजफ्फरपुर जिला में समावेशी शिक्षा की दशा व दिशा दोनों ही संतोषजनक नही है| वस्तुतः अशिक्षा से उत्पन्न होने वाली सामाजिक विकृतियों एवं असमानता से बचने की बात करते हुए समावेशी शिक्षा की बात कही गई है जिससे विकलांग बच्चे अपने आपको समाज का एक कटा हुआ एक भाग न समझकर समाज का हिस्सा ही समझे| इसके साथ ही विद्यालय शिक्षक एवं समाज के लोग भी उनके साथ सामान्य व्यवहार करे| यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक उत्तरदायित्व है कि समाज में रह रहे विशिष्ट बालको की शिक्षा-दीक्षा सामान्य बच्चो की भांति हो| इसके लिए समुचित प्रबंध होनी चाहिए| इस प्रकार उन्हें समावेशी शिक्षा में शामिल करते हुए उनको देश-प्रदेश तथा समाज में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार किया जा सके|
Keywords:
समावेशी शिक्षा, वैयक्तिक भिन्नता, सामाजिक विकृतियाँ, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, समावेशन |
Cite Article:
"मुजफ्फरपुर जिला में वर्तमान समय में समावेशी शिक्षा का रूप:एक विश्लेष्ण (An analysis of the present form of inclusive education in Muzaffarpur district)", International Journal of Science & Engineering Development Research (www.ijsdr.org), ISSN:2455-2631, Vol.7, Issue 12, page no.1159 - 1161, December-2022, Available :http://www.ijsdr.org/papers/IJSDR2212187.pdf
Downloads:
000201532
Publication Details:
Published Paper ID: IJSDR2212187
Registration ID:203242
Published In: Volume 7 Issue 12, December-2022
DOI (Digital Object Identifier):
Page No: 1159 - 1161
Publisher: IJSDR | www.ijsdr.org
ISSN Number: 2455-2631
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