INTERNATIONAL JOURNAL OF SCIENTIFIC DEVELOPMENT AND RESEARCH International Peer Reviewed & Refereed Journals, Open Access Journal ISSN Approved Journal No: 2455-2631 | Impact factor: 8.15 | ESTD Year: 2016
open access , Peer-reviewed, and Refereed Journals, Impact factor 8.15
स्वातन्त्र्य कवि अर लोकगीतकार: जनकवि शंकरदान सामौर
Authors Name:
लेखा चौधरी
Unique Id:
IJSDR2301114
Published In:
Volume 8 Issue 1, January-2023
Abstract:
राजस्थानी संस्कृति रा वाहक अर आधुनिक साहित्यिक परम्परा रा हरावळ कवि शंकरदान सामौर परम्परागत काव्य री लीक छोड़ नै चेतना जगावण वाळा जनकवि री भूमिका बेखूबी सूं निभायी। इण काल में देस माथै अंग्रेजी हकुमत, उणरां अत्याचारां अर, अन्यावां सूं मानखौ दुखी हौ। अबै राजावां नै विरुदावण री दरकार कोनी ही। क्यूंकै केई राजावां तो अंग्रेजां रै हाथ रा रमतिया बणग्या हा अर कई राजा, सामंत, अंग्रेजां साथै राजीपा रौ सौदौ कर बैठा हा। कवि गौरी सरकार रै काळै मन नैं वै चोखी तरियां जाणता हा। ‘‘फूट घालौ अर राज करौ’’ वाळी दोगली अर खोटी नीतियां, कानूनां आगे तळ-तळीजतै मानखे नै न्याव दिरावण वास्तै कवि शंकरदान सामोर री कलम चाली।1 आप सबद भेरी रै माध्यम सूं मायड़ भोम रा सपूतां मांय वीरता रा भाव जगाया अर सूतोड़ा जूझारां ने देसहित सारू जागण रौ अमर संदेसो दियौ। आन बान अर सान लारे प्राण होम करणियां वीरां नै आप घणां बिड़दाया अर आपरी रचनावां वीरत्व रै भावां रौ सांगोपांग चित्रण अर सांची ओळखाण करावै। इणी’ज भात लोकगीतां रै मार्फत समाज नै सांस्कृतिक अर सामाजिक उत्थान सारू चेतायौ। आपरा रच्यौड़ा लोकगीत वीरत्व अर भक्ति रै भावां सूं ओत-प्रोत हा, जिणां मांय अंगरेजां रै खिलाफ माथौ ऊँचै कर खड़यौ होवणियो हर मिनख आपरै लोकगीतां रौ असळी नायक है, अै लोकगीत सुतन्तरता रा मूल्यां, सांची मर्यादा, अर परम्परा रौ सबळ निरूपण करै।
Keywords:
अंग्रेजी हकुमत, सुतन्तरता, सपूत, मायड़ भोम, लोकगीत, वीरता, देशभगती, परम्परा, जनसाधारण, महान कवि, जननायक, अंजसजोग, संदेस, कानून अर कलम आद।
Cite Article:
"स्वातन्त्र्य कवि अर लोकगीतकार: जनकवि शंकरदान सामौर", International Journal of Science & Engineering Development Research (www.ijsdr.org), ISSN:2455-2631, Vol.8, Issue 1, page no.683 - 685, January-2023, Available :http://www.ijsdr.org/papers/IJSDR2301114.pdf
Downloads:
000337071
Publication Details:
Published Paper ID: IJSDR2301114
Registration ID:203596
Published In: Volume 8 Issue 1, January-2023
DOI (Digital Object Identifier):
Page No: 683 - 685
Publisher: IJSDR | www.ijsdr.org
ISSN Number: 2455-2631
Facebook Twitter Instagram LinkedIn